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धर्म, देशभक्ति एवम् संगठन कौशल्य की त्रिवेणी: रानी मां गाईदिन्ल्यू

रानी मां गाईदिन्ल्यू भारत की नागा अध्यात्मिक एवम् राजनेत्री थी जिसने रणांगण मे ब्रिटिश सेना से सामना करने के लिए युद्ध स्थल पर सेना का नेतृत्व किया ,वहीं चिंतन मनन कर नागा समाज को जोड़ने के लिए चार यात्रा की व नए समाजधर्म की नींव रखी। इनके स्वधर्म, संस्कृति रक्षण के कार्य से वहाँ की जनता उन्हें देवी स्वरूप मानती थी। उनका चरित्र हमें नर से नारायण बनने की प्रेरणा देता है।..

मां शारदा

मां शारदा(शारदा मणि) महान अध्यात्मिक व्यक्तित्व थी। वे पश्चिम बंगाल के पास के छोटे से गांव जयरामवाटी कामारपुकुर में 22 दिसम्बर 1853 को एक ब्राह्मण परिवार में जन्मी थी। उनके पिता रामचन्द्र मुखोपाध्याय व माता श्यामा सुन्दरी देवी थी। 5 वर्ष की आयु में रामकृष्ण परमहंस से विवाह हुआ लेकिन 18 वर्ष की अवस्था में अपने पति के पास आई थी। उन्होंने भाव बल की शक्ति के सहारे मार्ग में मिले डाकुओं को पिताजी व भाई कह उनके जीवन में परिवर्तन किया।..

इमरती देवी

राजस्थान तथा भारत के अनेक क्षेत्रों में, विश्नोई समाज रहता है। उनके गुरु जम्भेश्वर जी ने अपने अनुयायियों के हरे पेड़ न काटने, पशु पक्षियों को न मारने तथा जल संरक्षण जैसे 29 नियम दिये थे। इसे बीस + नो नियम..