2020-2021 यह वर्ष अपनी प्रथम अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख तथा समिति प्रार्थना की रचयिता माननीय कुसुमताई साठे जी का जन्म शताब्दी वर्ष के रुप मे मनाये जाने का निर्णय हुआ था.परंतू कोरोना के कारण पूर्ण वर्ष कार्यक्रम करना संभव नही था.लेकीन इस उपलक्ष्य मे 1 मई से 31मई तक "प्रार्थना"विषयपर ऑनलाईन बौद्धिक वर्गोंका आयोजन किया गया और हर प्रान्त मे किसी एक केन्द्रीय अधिकारी का उद्बोधन प्राप्त हुआ. उनके जन्मशताब्दी के अवसर पर अधिक से अधिक सेविकाओंको प्रार्थना शुद्ध उच्चारण से याद हो इसलिये ऑनलाईन प्रयास किये गये. जन्मशति का समापन भा.कुसुमताईजी ने लिखे हुए गीतोंद्वारा उनको भावसुमन अर्पित कर के किया गया.इसमे नागपूर की सेविकाओंद्वारा गीतोंका प्रस्तुतीकरण किया गया.साथ ही प्रत्येक गीत के पिछे का भाव,इतिहास,गीत लिखते समय उनके मन की भावना इसका अतीव सुंदरवर्णन निवेदन मे हुआ. 14फरवरी को पुरे भारत वर्ष मे दोपहर 4.45 पर एक ही समय शाखा लगाकर प्रार्थना हुई और मा.कुसुमताईजी के संस्मरण नई पिढी को बताये गये. 16फरवरी को उनके जन्मदिवसपर उनके नागपूर के निवासस्थानपर शाखा लगायी गयी.जिसमे वंदनीय प्रमिलताईजी ने कुसुमताईजी की यादे साझां की.