सायंस्मरण
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तमसो मा ज्योतिर्गमय ||
मृत्योर्मा s मृतं गमय |
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति : ||
भजेत् सामरस्यं जनो भारते s स्मिन् |
भवेदेकराष्ट्रात्मिका सन्मतिर्नः |
भवेदार्यधर्मो गुरूर्विश्वकार्ये |
प्रभो हिन्दुधर्मो धुना वर्धताम् ||
|| हिन्दु धर्म की जय ||
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अनादि मी, अनंत मी, अवध्य मी भला
मारील मज जगतिं असा कवण जन्मला