भगवा ध्वज की जय हो
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भारत मां के मानचित्र इस
भगवा ध्वज की जय हो
पुण्य - प्रसूत शाश्वत पवित्र इस
भगवा ध्वज की जय हो ||धृ ||
युग युग से इससे सीखा है
त्याग और बलिदान
सारी संसृति स्नेह - सिक्त हो
ऐसा सुरभित ज्ञान
मानवता के परममित्र इस
भगवा ध्वज की जय हो ||1||
जनसेवा निष्काम यज्ञ की
सतप्रेरणा दिलाता
शुद्ध बुद्ध स्वातंत्र शिखर पर
चढना हमे सिखाता
चक्रवर्ती चित्रित चरित्र इस
भगवा ध्वज की जय हो ||2||
हिमगिरी इसका दंड परम प्रिय
भगवा इसकी काया
द्वैता द्वैत दर्शनों की ही
शिक्षा लेकर आया
सौरभ देता अत्र तत्र इस
भगवा ध्वज की जय हो ||3||
जिसके नीचे ब्रह्म प्रांत हे
उपर कन्याकुमारी
मध्ये विलसित बंग वारीधि
जिसकी शोभा न्यारी
गंग यमुन नद ब्रह्मपुत्र इस
भगवा ध्वज की जय हो ||4||
इसके नीचे रामकृष्ण ने
दानव दल संहारा
काली दुर्गा लक्ष्मी ने भी
दुश्मन को ललकारा
समिती कार्य प्रेरक विचित्र इस
भगवा ध्वज की जय हो ||5||