गुजरात सेविकाओ द्वारा कोरोना सेवा कार्य

28 Apr 2021 11:41:00


 

 

"स्वराज,स्वधर्म,स्वदेशी की स्व - त्रयी को अपनाते हुए समाज परिवर्तन के लिये कार्यकर्ता तैयार हों " ऐसा आवाहन राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांताक्का जी ने किया | वो राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के समापन सत्र मे सेविकाओं को संबोधित कर रही थीं |

सेवा है यज्ञ कुंड, समिधा सम हम जलें

इस पंक्ति को सार्थक किया है करछ के सुख पर शाखा की सेविका हिना वेलाणी ने| जो साहस और सेवा की साक्षात् मूर्ति साबित हुई है|
 
कोरोना की इस विकट बेला में तंत्र की सूचना से कोरोना से मृत देहों को अंतिम संस्कार के लिए लाए जाने का आदेश मिला| राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवक इन मृत देहों के अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे| तभी समिति की इस सेविका, जिसने अपने जीवन में शमशान भी पहली बार देखा होगा उसने स्वयं सेवक पिता से बात की मै भी आपके साथ इस सेवा कार्य में आऊँगी| सेवा की इस धधकती ज्वाला के आगे पिता झुक गए | हिना ने पूरी वेदोक्त विधि से अंतिम दाह संस्कार का काम संभाला | सेवा की यह आग धीरे धीरे अन्य सेविकाओं तक फैलने लगी | लगभग 25 सेविकाएं इस कार्य से जुड़ गईं | इस कार्य में 22 से 52 साल की सेविकाए जुड़ी हुई हैं |
 
जितना कार्य लिखने में सामान्य लगता है उतना ही असामान्य और असाधारण कार्य यह सेविका बहनें कर रही है| कोमल भाव, सवेंदना वाली है यह सोचकर जिस स्थान पर जाने के नाम से भी डर लगता है उस स्थान पर अपना अप्रतिम शौर्य प्रकटाने वाली इन सेविकाओ को कोटि कोटि बधाई|

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