दिनांक 26 नवंबर 2023
को महाराष्ट्र के रायगढ जिले के पाचाड गाँव मे राष्ट्र सेविका समिति द्वारा राजमाता जीजाबाई की 350 वी पुण्यतिथि के उपलाक्ष्य मे एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था |इसी गाँव में राजमाता जीजाबाई ने अपने अंतिम दिन बिताए थे | यहाँ पर उनका समाधि स्थल भी है और एक अर्थ में इस स्थान को आधुनिक शक्तिपीठ भी कहा जा सकता है |
इस कार्यक्रम में 1100 सेविकाओं ने उपस्थित रहकर छत्रपति शिवाजी महाराज एवं राजमाता जीजाबाई को सघोष मानवंदना दी| यष्टि का प्रात्यक्षिक और अलग अलग वेशभूषा मे सज्ज होकर निकाली गई शोभायात्रा इस कार्यक्रम के आकर्षण थे| पाचाड गाँव मे मानों उत्सव का वातावरण था और सभी बढ़चढ़कर कार्यक्रम मे सम्मिलित हुए |
वीर कन्या, वीर पत्नी, वीर माता से लेकर राष्ट्र माता और विश्व माता तक का प्रवास तय करनेवाली जीजामाता हम सब के लिए आदर्श है| अपने सर्वगुणसंपन्न पुत्र छत्रपति शिवाजी महाराज का इस राष्ट्र को दान देनेवाली माता ने अपने जीवन को ही पुत्र के सामने आदर्श के रूप में रखा, ऐसा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के नाते उपस्थित विवेक साप्ताहिक की संपादिका अश्विनीजी मयेकर ने कहा|
कार्यक्रम राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय सह कार्यवाहिका चित्रा ताई जोशी की उपस्थिति में हुआ| चित्रा ताई जी ने अपने प्रेरणादायी वक्तव्य मे कहा कि मुग़लों के अमानुषिक अत्याचारों से भयभीत सर्वसामान्य जनता मे स्वाभिमान और वीरत्व के भाव को भरने का काम जीजाबाई ने किया|अपने पुत्र को हिन्दवी स्वराज की स्थापना का स्वप्न दिखाया| राष्ट्रमाता जीजाबाई के जीवन से प्रेरणा लेकर हम भी भारत को मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए संकल्प लें |