"असाधारण शक्ति से संपन्न महिलाओं को अपने भीतर की शक्ति का अनुभव करना चाहिए और नए भारत के उत्थान के लिए आगे आना चाहिए," ऐसा प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना पद्मविभूषण सोनल मानसिंह ने कहा. वे आज राष्ट्र सेविका समिति, नागपुर विभाग के विजयादशमी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थीं।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका वी. शांताकुमारी ने हमारे देश को अस्थिर करने और युवाओं को गुमराह करने की ताकदों से सावधान रहने और अंधानुकरण से दूर रहने कीअपील की। महिलाओ के प्रति दुर्व्यवहार और अमानवीय अपराधो की घटनाएँ बढ़ रही है उसके लिए व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर काम करना होगा। कड़े कानून और त्वरित निर्णय की प्रक्रिया के साथ ही समाज जागरण की आवश्यकता पर भी उन्होंने बल दिया।
वैचारिक संभ्रम के कारण मूल तत्वज्ञान को भूलकर "हिन्दवः सोदराः सर्वे" कहनेवाला आज जाती , बिरादरी , मत , पंथ के बंधन में फंसकर अपने विराट स्वरूप को काटने में लगा है, इसलिये मूल हिंदू चिंतन का विचार, कृती मे लाने की आवश्यकता पर शांता कुमारी जी ने जोर दिया.
इस समय व्यासपीठ पर -सीता गायत्री अन्नदानं ( प्रमुख कार्यवाहिका , रा से समिति), मनिषा आठवले (विदर्भ प्रांत कार्यवाहिका )और करुणा साठे ( नागपूर विभाग कार्यवाहिका )
उपस्थित थी.