दिनाँक 24-25 फरवरी 2024
*संदेशखाली की घटना पर निषेध प्रस्ताव*
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हो रही महिलाओं की त्रासदी अत्यंत खेदजनक और गंभीर चिंता का विषय है. दुर्भाग्य से राज्य की मुख्यमंत्री स्वयं एक महिला होने के उपरांत भी वहाँ महिलाओं के विरुद्ध हो रहे इन अपराधों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है. जननी, जन्मभूमि और जगत जननी ऐसी मातृत्व की त्रिधाराओ की विश्व में प्रतिस्थापना करने वाले शोनार बांगला में निरीह, निरपराध महिलाओं का शोषण और दर्दनाक उत्पीड़न सर्वथा निंदनीय है.
पिछले कुछ वर्षो से २४ परगना जिले के इस सीमावर्ती क्षेत्र में सामाजिक तानाबाना छिन्न-भिन्न होता दिखाई दे रहा है. अराजकता का माहौल, असामाजिक तत्वों की सक्रियता, अवैध घुसपैठ और जनसंख्या को असंतुलित करने के प्रयास राष्ट्र की सुरक्षा के लिए भी अत्यंत धोखा दायक है. उच्चतम न्यायलय की खंडपीठ, राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग इन सभी कानून व्यवस्था को बहाल रखने वाली संस्थाओं द्वारा कड़े शब्दों में लताड़े जाने के बाद भी राज्य सरकार की ओर से कोई भी कार्यवाही न होना और अपराधियों को पकड़ने का प्रयास भी न करना बल्कि पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग चढाने का प्रयास करना राज्य सरकार की हीन मानसिकता का परिचायक है. राज्य प्रसाशन महिलाओं का रक्षण करने में और उनको सामाजिक न्याय दिलाने में असफल रहा है. महिलाओं पर बर्बर बलात्कार और उनका निकृष्ट यौन उत्पीड़न करने के आरोपी शाहजहां शेख जैसे अपराधियों को राज्य सरकार का आश्रय मिल रहा हो ऐसा प्रतीत हो रहा है.
सभ्य समाज का मस्तक लज्जा से झुका देनेवाली इस दुर्भायपूर्ण स्थिति के लिए राष्ट्र सेविका समिति का यह 'अखिल भारतीय कार्यकारिणी एवं प्रतिनिधि मंडल' पश्चिम बंगाल सरकार की कड़ी आलोचना करता है तथा उन पीड़ित महिलाओं के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार, पुलिस एवं जाँच एजेंसियों से निवेदन करता है कि सभी अपराधियों को कठोरतम दंड दिया जाए. साथ ही पीड़ित महिलाओं के शारीरिक और मानसिक उपचार की और उनके पुनर्वसन की व्यवस्था की जाए.
अमानवीय अत्याचार की भोग बनी अपनी पीड़ित भगिनी के कष्टों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए राष्ट्र सेविका समिति उन्हें यह आश्वासन देना चाहती है कि, 'इस विषम स्थिति में हम आपके साथ हैं. अन्याय के प्रति निडर होकर आवाज उठाने के आपके साहस पर हमें गौरव है. इसी भावना को मन में रखकर पश्चिम बंगाल और देशभर की सेविकाएं अपनी इन बहनों की यथासंभव सहायता के लिए तत्पर हैं.