राष्ट्रहित को सर्वोपरी मानकर प्रत्येक व्यक्ति ने नागरीक कर्तव्यों का पालन करना आवश्यक है ऐसा विचार राष्ट्र सेविका समिती की वंदनीया प्रमुख संचालिका मा. शांताक्का जी ने व्यक्त किये. उन्होने आगे कहा " सभी प्रकार की समस्याओंका निराकरण करने के लिये संकल्पबद्ध समाज का हमे निर्माण करना है और यह करने के लिए अपना कार्य बढ़ाना है"
इस प्रतिनिधी सभा मे लोकमाता अहिल्याबाई होळकर की 300 वी जन्मशताब्दी निमित्त 300 कार्यक्रम की योजना बनाई गई. इसमे उनके जीवन पर आधारित प्रतियोगिता, रील्स, नाट्य प्रवेश, प्रशासनिक अधिकारी से मिलना , युवा हॉस्टेल मे जाकर उन्हे अहिल्याबाई होळकर के कर्तृत्व से अवगत कराना इत्यादी कार्यक्रमोंके माध्यम से लोकमता अहिल्याबाई के जीवन को समाज जनों तक पहुचाने का प्रयास किया जाएगा.
प्रतिनिधी सभा मे "राष्ट्र सर्वोपरी" इस विषय पर प्रस्ताव पारित हुआ. इसके माध्यम से प्रतिनिधी सभा ने समाज को आवाहन किया है की सभी भारतवासीयों ने अपने श्रेष्ठ दर्शन और जीवन मूल्यों को अपना कर उसे आचरण मे लाना चाहिए.
भारतीय लोकतांत्रिक इतिहास के काले अध्याय यानी कि आपातकाल की पुनरावृत्ति भविष्य में न हो यह नितांत आवश्यक है। और इसलिए 25 जून को "संविधान हत्या दिन" मनाने का जो निर्णय भारत सरकारने लिया है उसका स्वागत करने का प्रस्ताव भी इस बैठक में पारित हुआ.
राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय कार्यकारिणी एवं प्रतिनिधियों की यह बैठक 12 से 14 जुलाई 2024 तक रेशिम बाग, स्मृति मंदिर, नागपुर में हुईं. इस बैठक में 35 प्रांतों से 400 प्रतिनिधि सहभागी हुए थे.